NEW EDUCATION POLICY 2023 ( नई शिक्षा नीति 2023)

जैसा कि हमें पता है कि अपने भारत देश के अंदर में न्यू एजुकेशन पॉलिसी आ चुकी है जिसके तहत में आप लोगों को अब से कोई भी Course अगर आप करते हैं यूजी कोर्स एंड पीजी कोर्स यहां तक की पीएचडी कोर्स उसमें भी आप लोगों को न्यू EDUCATION पॉलिसी 2023 के तहत ही आप लोगों के एजुकेशन प्राप्त कर सकते हैं आज के इस ब्लॉग में हम लोग जानेंगे यह न्यू एजुकेशन पॉलिसी है क्या और साथ ही साथ अभी चर्चा में हुए 4 ईयर ग्रेजुएशन जो अभी चल रही है वह क्या है उसके बारे में पूरी विस्तार पूर्वक हम लोग समझेंगे और जानेंगे आइए जानते हैं स्टेप बाय स्टेप जानते है 


क्या होता है न्यू एजुकेशन पॉलिसी? 

जैसा कि हम लोग जानते हैं कि अपने भारत देश के अंदर में न्यू एजुकेशन पॉलिसी आ चुकी है हम समझेंगे इसमें की होता क्या है न्यूज़ किशन पॉलिसी पहले के समय आपको ग्रेजुएशन करने के लिए 3 साल की पढ़ाई करनी पड़ती थी जिसके तहत मैं आपको 1 साल में आपका एग्जाम जो होता था तो एक ही बार लिया जाता था अर्थात 3 साल में तीन बार जाने जाते थे लेकिन इसमें प्रैक्टिकल नॉलेज और साथी साथ जो नॉलेज हम लोग चाहिए हमारे कॉलेज से हमारी स्कूल से वह नहीं हो पाती थी इसके लिए सरकार ने यही सब देखते हुए फॉरेन पॉलिसी लागू करते हुए अब न्यू एजुकेशन पॉलिसी ला चुकी है हम जानते पूर्वक किए हैं क्या हो सकता है


न्यू एजुकेशन पॉलिसी भारत सरकार द्वारा अपनाई गई शिक्षा प्रणाली के विस्तारित और सुधारित संस्करण को कहते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य आधुनिकीकरण, गुणवत्ता में सुधार, समान अवसरों का संरक्षण, और शिक्षा के सभी क्षेत्रों में पहुंच को बढ़ावा देना है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 भारतीय शिक्षा नीति 1986 को स्थानांतरित करने का प्रयास है।


न्यू एजुकेशन पॉलिसी के मुख्य लक्ष्य निम्नलिखित हैं:

1.गुणवत्ता में सुधार: न्यू एजुकेशन पॉलिसी का मुख्य लक्ष्य शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता में सुधार करना है। यह उच्चतर शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, मूल शिक्षा और पूर्व प्राथमिक शिक्षा में गुणवत्ता के मानकों को उच्च बनाने के लिए संशोधन करती है।

2.समावेशी शिक्षा: यह नीति समावेशी शिक्षा को महत्वपूर्ण मानती है और इसके माध्यम से अशिक्षित, पिछड़े हुए, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, अल्पसंख्यक समुदायों और विशेष आवश्यकताओं वाले छात्रों को शिक्षा का समान अवसर प्रदान करने का उद्देश्य है।

3.आदर्शवादी शिक्षा: इस नीति का लक्ष्य यह है कि शिक्षा प्रक्रिया और पाठ्यक्रम छात्रों के समृद्ध विकास, स्वतंत्रता, आदर्शवाद, नैतिकता, ज्ञान, विज्ञान और आत्मनिर्भरता की बुनियाद पर आधारित होनी चाहिए।

4 Year Graduation 2023

 

 4 साल का ग्रेजुएशन एक अकादमिक कार्यक्रम है जिसमें छात्र एक विशिष्ट विषय या क्षेत्र में गहन अध्ययन करते हैं और चार वर्षों के पूर्ण होने पर एक स्नातक उपाधि प्राप्त करते हैं। यह उच्च शिक्षा का प्रमाणिक माध्यम होता है और छात्रों को विशेष ज्ञान और कौशलों को विकसित करने का अवसर देता है।

चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम विभिन्न विषयों में उपलब्ध हो सकता है, जिनमें सामान्य विज्ञान, कला, वाणिज्य, वित्त, यात्रा और पर्यटन, संगणक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संगीत, भूगोल, जीव विज्ञान, अर्थशास्त्र, भौतिकी, भूगर्भ विज्ञान, आदि शामिल हो सकते हैं।

यह कार्यक्रम छात्रों को विषय के आधार पर सम्पूर्णता और मान्यता प्राप्त करने का मौका देता है, जिससे वे अपने अध्ययन क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं और विभिन्न करियर विकल्पों में आगे बढ़ सकते हैं। इसके बाद, छात्रों को स्नातकोत्तर (पीजी) कार्यक्रम या पेशेवर स्तर पर कर सकते है। 


(यह 4 ईयर ग्रेजुएशन वाली जो आप यह टॉपिक देख रहे हैं इसके लिए अगली ब्लॉक बहुत ही जल्द आने वाली है पूरी जानकारी के साथ )

अब स्कूलों में '10+2 ' नहीं' 5+3+3+4' व्यवस्था चलेगी

नई शिक्षा नीति 2020 और 1986 की शिक्षा नीति में वैसे तो बहुत सारे अंतर हैं लेकिन सबसे बड़ा अंतर यह है कि अब न स्कूलों में '10+2' के स्थान पर '5+3+3+4' व्यवस्था चलेगी। इसी तरह और भी कई बड़े बदलाव नई शिक्षा नीति के माध्यम से किए गए हैं।

1986 की शिक्षा नीति के तहत अब तक उच्च शिक्षा में कई नियामक कार्य कर रहे थे। इनमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, भारतीय वास्तुकला परिषद, भारतीय फार्मेसी परिषद, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद आदि अलग-अलग कार्य कर रही हैं। लेकिन अब नई शिक्षा नीति में विधि और चिकित्सा शिक्षा को छोड़कर बाकी पूरी उच्च शिक्षा को एक ही नियामक के अंदर लाने का निर्णय किया गया है।

इसी तरह 1986 की शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा में स्नातक पाठ्यक्रम तीन साल का और स्नातकोत्तर दो साल का होता है। इसके अलावा एमफिल का भी पाठ्यक्रम किया जा सकता है। लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों को तीन या चार साल का कर दिया गया है। वहीं, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में एक या दो साल

की पढ़ाई करनी होगी। वहीं, एमफिल को खत्म किया जाएगा। इसके अलावा अब उच्च शिक्षा में बहुस्तरीय प्रवेश एवं निकासी व्यवस्था लागू किया गया है। इसके तहत यदि विद्यार्थी चाहे तो वह एक सेमेस्टर, एक साल, दो साल या तीन साल बाद पढ़ाई छोड़ सकता है। विद्यार्थी को एक साल की पढ़ाई पर सर्टिफिकेट, दो साल की पढ़ाई पूरी करने पर डिप्लोमा और तीन या चार साल की पढ़ाई पूरी करने पर डिग्री दी जाएगी। इसके बाद विद्यार्थी कुछ सालों के अंतराल के बाद यदि अपनी पढ़ाई आगे जारी रखना चाहेगा तो उसे वहीं से प्रवेश मिल जाएगा जहां से उसने पढ़ाई छोड़ी थी।

1986 की शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा अंग्रेजी में ही करनी होती है लेकिन अब नई शिक्षा नीति में इसमें बदलाव किया गया है। अब हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं के अलावा आठ क्षेत्रीय भाषाओं में भी ई-कोर्स शुरू किए जा सकेंगे।

1986 की शिक्षा नीति के तहत बोर्ड परीक्षाओं का महत्त्व सबसे अधिक होता है। लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत बोर्ड परीक्षा के भार को कम करने की पहल की गई है। इसके तहत बोर्ड परीक्षा को दो भागों में बांटा जा सकता है जो वस्तुनिष्ठ और विषय आधारित हो सकता है। विषयों को कठिन और सरल के रूप में बांटा जा सकेगा।


PM मोदी ने बताया, क्यों खत्म कर दिया 10+2 का सिस्टम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ये महज कोई सर्कुलर नहीं, बल्कि एक महायज्ञ है, जो नए देश की नींव रखेगा। पीएम ने कहा है कि अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था रही है. उसमें 'क्या सोचना है' पर ध्यान केंद्रित रहा। नई शिक्षा नीति में कैसे सोचना है' पर बल दिया गया है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक नया ग्लोवल स्टैंडर्ड तय हो रहा है उस हिसाब से भारत के एजुकेशन सिस्टम बदलाव किया जाना बहुत जरूरी था। स्कूली सिलेबस में 13-2 पैटर्न से आगे बढ़कर अब 5-3-3-4 सिलेक्स देना, इसी दिशा में एक कदम है। पीएम ने कहा कि हमें अपने स्टूडेंट्स को ग्लोवल सिटीजन बनाना है। हमें इस बात का भ ध्यान रखना है कि वह लेवल स्टूडेंट्स बनने के साथ-साथ अपनी जड़ों से भ जुड़े रहें। नई शिक्षा नीति में ऐसा प्रावधान किया गया है कि छात्र को ग्लोवल सिटीजन बनाने के साथ साथ उनको अपने जड़ों से भी जोड़कर रख जाएगा। पीएम ने कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि बच्चों के घर की बोली और स्कूल में पढ़ाई की भाषा एक ही होने से बच्चों के सीखने की गति बेहतर होती है। यही कारण है कि जहां तक संभव हो पांचवीं कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही पढ़ाने पर

सहमति दी गई है। इस सम्मेलन का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से किया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शामिल शिक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं पर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा

कि नई शिक्षा नीति लागू होने से शिक्षा के स्तर में छात्रों को फायदा होगा सबसे ज्यादा फायदा उन छात्रों को होगा जो अपना पैशन फॉलो करना चाहते हैं पीएम मोदी ने कहा, हमने महसूस किया छात्रों के भीतर इमेजिनेशन, क्रिएटिव थिंकिंग, फिलोसोफी ऑफ एजुकेशन की कमी है। ऐसे में हमने नई शिक्षा नीति के

विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। मालूम हो कि कैबिनेट ने इसी हफ्ते नई शिक्षा नीति-2020 को मंजूरी प्रदान की थी 34 सालों बाद नई शिक्षा नीति सामने आई है

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक नई शिक्षा नीति पर किसी भी क्षेत्र या वर्ग से भेदभाव संबंधी कोई शिकायत नहीं आई है। पीएम ने कहा कि वेते अनेक वर्ष से देश की शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव नहीं हुए थे। इसका परिणाम ये हुआ कि समाज में जिज्ञासा और कल्पनाशक्ति

तहत मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम सुविधा छात्रों को दी है। जिसका अर्थ है, छात्र अगर चाहे तो सेमेस्टर के बीच अपनी पढ़ाई छोड़कर अपना पैशन फॉलो कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ऐसे दौर में पहुंच रहे हैं जिसमें कोई व्यक्ति जीवन भर किसी एक प्रोफेशन में नहीं रहेगा। अब बदलाव निश्चित है आप ये मानकर चल सकते हैं।

पीएम की खास बातें

हमारे छात्रों में हमारे गुकओं में क्रिटिकल चिकिग और इनोवेटिव किंग विकसित कैसे हो सकती है, जब तक हमारी शिक्षा में उत्साह, शिक्षा का दर्शन उद्देश्य न हो।

● भारत के एजुकेशन सिस्टम में बदलाव बहुत जरूरी था स्कूली शिक्षा में 10+2 के स्वरूप से आगे बढ़कर अब 5+3+3+4 का स्वरूप देना, इसी दिशा में एक कदम है।

जड़ से जग तक मनुज से मानवता तक अतीत से आधुनिकता तक सभी बिदुओं का समावेश करते हुए इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वरूप तय किया गया है।

हर स्टूडेंट को ये अवसर मिलना ही चाहिए कि वे अपने सव के हिसाब से किसी डिग्री या कोर्स को कर सके और अगर उसका मन करे, वे वो छोड़ भी सके।

नई शिक्षा नीति में खास

मानव संसाधन विकास मंत्रलय का नाम अब शिक्षा मंत्रलय कर दिया गया है

जैसी जरूरतों को आगे बढ़ाने के बजाय 'भेड़चाल' को प्रोत्साहन मिलने लगा था। उन्होंने कहा कि तीन-चार साल के व्यापक विचर-विमर्श, लाखों सुझावों पर लंबे मंथन के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूर किया गया है। पीएम ने कहा कि भारत का स्टूडेंट चाहे वो नर्सरी में हो या फिर कलिज में, अब वैज्ञानिक तरीके से पलेगा क तेजी से बदलते हुए समय और जरूरतों के हिसाव से पढ़ेगा, तो वो राष्ट्र निर्माण में भी रचनात्मक भूमिका निभा पाएगा।

*पांचवीं क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई स्थानीय भाषा में

*पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को स्किल देने पर जोर

*विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर नए कैंपस पर जोर

*MFL बंद 10+2 का फॉर्म्युला भी बंद 

अब मातृभाषा में पढ़ सकेंगे बच्चे एमफिल पाठ्यक्रम होंगे बंद

नई दिल्ली के बीच कम से कम दो साल का मोदी कैबिनेट ने नई राष्ट्रीय शिक्षा लैंग्वेज कोर्स भी प्रस्तावित है। वहीं नीति को हरी झंडी दिखा दी है। साथ नई शिक्षा नीति के तहत एमफिल ही कैबिनेट ने मानव संसाधन और पाठ्यक्रमों को बंद किया जाएगा। साथ ही अब बोर्ड अनुप्रयोग पर

विकास मंत्रालय का मंत्रालय करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। नई शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव करते

नाम बदल कर शिक्षा एचआरडी का परीक्षाएं जानकारी के सिफारिश को भी नाम अब होगा आधारित होंगी शिक्षा मंत्रालय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की हुए भाषा के विकल्प को बढ़ा दिया बैठक के बाद नई शिक्षा नीति की गया है, अब छात्रों को शुरूआत औपचारिक घोषणा केंद्रीय मंत्रियों से ही स्थानीय भाषा के साथ तीन प्रकाश जावड़ेकर और डॉ रमेश अलग-अलग भाषाओं में शिक्षा देने पोखरियाल निशक ने संयुक्त रूप का प्रावधान रखा गया है। नई शिक्षा से की नई शिक्षा नीति के तहत नीति में छात्रों को कक्षा छठी से आठवीं कोई छात्र शेष पेज-9.

बनाया जाएगा खास प्रोग्राम

नई शिक्षा नीति में सरकार ने छात्रों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करने का भी प्रस्ताव रखा है। इसके लिए 3 से 18 साल के छात्रों के लिए 5+3+3+4 का डिजाइन तय किया गया है । इसके तहत छात्रों की शुरूआती स्टेज की पढ़ाई के लिए 5 साल का प्रोग्राम तय

किया गया है। इनमें 3 साल प्री- प्राइमरी और क्लास 1 और 2 को जोड़ा गया है, इसके बाद क्लास 3, 4 और 5 को अगले स्टेज में रखा गया है। इसके अलावा क्लास 6, 7, 8 को तीन साल के प्रोग्राम में बांटा गया है. зnfare era-9, 10, 11, 12 को हाई स्टेज में रखा गया है।

फिजिक्स के साथ पढ़ सकेंगे फैशन डिजाइनिंग

मौजूदा शिक्षा नीति के तहत फिजिक्स ऑनर्स के साथ केमिस्ट्री, मैथ्स लिया जा सकता है। इसके साथ फैशन डिजाइनिंग नहीं ली जा सकती थी। लेकिन नई नीति में मेजर और माइनर की व्यवस्था होगी, जो मेजर प्रोग्राम हैं उसके अलावा माइनर प्रोग्राम भी लिए जा सकते हैं। इसके दो फायदे होंगे, आर्थिक या अन्य कारण से जो लोग ड्रॉप आउट हो जाते हैं वो वापस सिस्टम में आ सकते हैं, इसके अलावा जो अलग-अलग विषयों में रूचि रखते हैं, जैसे जो म्यूजिक में रूचि रखते हैं, लेकिन उसके लिए कोई व्यवस्था नहीं रहती है। नई शिक्षा नीति में मेजर और माइनर के माध्यम से ये व्यवस्था रहेगी।

फिजिकल एजुकेशन को बनाया गया जरूरी

छात्रों का शारीरिक और मानसिक विकास भी हो सके इसके लिए पढ़ाई के साथ फिजिकल एजुकेशन को जरूरी बनाने का नियम रखा गया है। स्कूल के हर स्तर पर खेल, मार्शल आर्ट्स, डांस, गाडनिक और योगा जैसी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज भी सुनिश्चित की जाएंगी।

नई शिक्षा नीति 2023 

भारत में 34 साल बाद नई शिक्षा नीति आई है। इससे पहले 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई थी। नई शिक्षा नीति को भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 को घोषित किया गया। जिसे न्यू एजुकेशन पॉलिसी, 2020 नाम दिया गया है।

इस नीति के जरिए 2030 तक 100% युवा और प्रौढ़ साक्षरता के लक्ष्य को प्राप्त करना है।

यह नई शिक्षा नीति लगभग 66 पन्ने (हिंदी में 117 पन्ने) की है।

नई शिक्षा नीति में सबसे खास बदलाव 5+3+3+4 का प्रारूप है। आइए जानते है क्या है ये प्रारूप?

1.5+3+3+4 के प्रारूप में पहला पांच साल बच्चा प्री स्कूल और कक्षा 1 और 2 में पढ़ेगा, इन्हें मिलाकर पांच साल पूरे हो जाएंगे। इसके बाद 8 साल से 11 साल की उम्र में आगे की तीन कक्षाओं कक्षा- 3, 4 और 5 की पढ़ाई होगी।

2.इसके बाद 11 से 14 साल की उम्र में कक्षा 6, 7 और 8 की पढ़ाई होगी।

3.इसके बाद 14 से 18 साल की उम्र में छात्र 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई कर सकेंगे।

4.यह 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई बोर्ड आधारित होगी,

लेकिन इसे खासा सरल नई शिक्षा नीति में बनाया गया है।



इस ब्लॉग में हमने पूरी तरह से प्रयास किया है कि आप लोगों को नई शिक्षा नीति के बारे में जितनी भी आधारभूत  बातें हैं वह बता दिए और मैं अब अगले ब्लॉग में यह प्रयास करूंगा कि 4 साल का ग्रेजुएशन के बिहार में आया है वह क्या है उसके लिए आप लोग एक काम कीजिए मेरे ब्लॉग पर हमेशा अपडेट बने रहिए ताकि मैं आज Next Blog आते ही नोटिफिकेशन पहुंच जाएं और आप लोग जाकर देख लो जल्दी धन्यवाद🙏🙏